tag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post6208859043762826485..comments2024-02-04T07:37:51.345-08:00Comments on डो.वसन्त भट्ट - संस्कृत साहित्य-नवीन अर्थ एवं समीक्षा: उत्तररामचरित में शम्बूक-वध की मिथक का पुनर्निर्माणवसन्तकुमार भट्ट - संस्कृत भाषाशिक्षणhttp://www.blogger.com/profile/10900703180835351891noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-76824119895142023392012-01-24T18:54:47.479-08:002012-01-24T18:54:47.479-08:00श्रीभट्ट जी
आपका लेख भवभूति के नाटक उत्तर रामचरि...श्रीभट्ट जी<br />आपका लेख भवभूति के नाटक उत्तर रामचरित पर शोधपरक समीक्षा है जो विद्वत्ता पूर्ण है। आपने इस लेख में भवभूति के द्वारा प्रतुत दोनों घटनाओं को तर्क देकर उन की विश्वसनीयता बढ़ाई है। और रामायण के उत्तर काण्ड को भीविश्वसनीय सिद्ध किया है।<br /><br />मेरी दृष्टि में रामायण में उत्तर काण्ड प्रक्षेप है। जिसे मैने अपने लेख इस उत्तर काण्ड ने हिन्दुओं के आदर्श श्री राम पर घातक प्रहार किया है। इसने हमारे समाज में विघहटन पैदा किया है और आपसी द्वेष फ़ैलाया है।<br /><br />मेरी दृष्टि देखने के लिये मेरा (विश्व मोहन तिवारी) लेख hindi.kalkion.com पर 'राम ने न तो सीता जी को वनवास दिया और न शम्बूक का वध किया'देखने की कृपा करें; और उचित समझें तब टिप्पणी भीकरें।<br />धन्यवाद्vishwa mohan tiwarihttps://www.blogger.com/profile/01574681881094783026noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-67809965514459723942011-02-10T07:14:51.605-08:002011-02-10T07:14:51.605-08:00सनातन धर्म कॉलेज (लाहौर) अम्बाला छावनी
एक दिवसीय र...सनातन धर्म कॉलेज (लाहौर) अम्बाला छावनी<br />एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी<br />'संस्कृत साहित्य में दलित चेतना'<br />(विकृति से संस्कृति की ओर)<br />प्रायोजक : हरियाणा संस्कृत अकादमी, पंचकूला<br />अकादमिक सहयोग : सेन्टर फॉर डॉ. बी. आर. अम्बेडकर स्टडीज़, कु.वि.कु.<br /> डी.के.के. सनातन धर्म आदर्श संस्कृत कॉलेज, अम्बाला छावनी<br />आयोजक : संस्कृत विभाग, सनातन धर्म कॉलेज, अम्बाला छावनी<br />दिनाँक - 22 फरवरी, 2011 दिन मंगलवार<br />समय : 9.30 बजे प्रात: स्थान : कॉलेज सभागार<br />मान्यवर,<br /> संस्कृत की पुन:संरचना योजना के अधीन संस्कृत विभाग, सनातन धर्म कॉलेज, अम्बाला छावनी तथा हरियाणा संस्कृत अकादमी, पंचकूला संयुक्त रूप से आयोजित संगोष्ठी में सहभागिता के लिए सादर साग्रह आमन्त्रित है।<br /> भारतीय सन्दर्भ में दलित एक सांस्कृतिक और सामाजिक यथार्थ है। जिसके अनेक ऐतिहासिक कारण हैं। दलित शब्द का अप-प्रयोग और अप-व्याख्या कर भारतीयता का मूल भावना को निन्दित और तिरस्कृत तथाकथित बु(जिीवियों और स्वार्थ साधक नेताओं द्वारा किया जाता रहा है। संस्कृत साहित्य में शूद्र शब्द निन्दावाचक नहीं है परन्तु उसका दलित के रूप में प्रयोग ऐतिहासिक विवशताओं के कारण उत्पन्न सांस्कृतिक विकृति के रूप में दृष्टिगोचर होता है। संस्कृत साहित्य में दलित चेतना का स्वरूप पौराणिक काल में दो रूपों में दिखाई देता है-एक शक्ति की अधिकता के कारण दूसरों का दमन या उन पर अत्याचार करने के रूप में। और दूसरा दरिद्रता या हीन-भावना के रूप में जहाँ पर व्यक्ति स्वनिन्दा के द्वारा अपने को दलित रूप में प्रस्तुत करता है। अत: संस्कृत साहित्य में जैसा दलित विमर्श उपलब्ध है - क्या उसके आधार पर वर्तमान-कालिक आख्रथक और सामाजिक दृष्टि से दलित समस्या का विश्लेषण और समाधान करना सम्भव है या नहीं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर इस संगोष्ठी में विचार विर्मश के लिए आप सादर आमंत्रित हैं। <br />विशेष : 1. संगोष्ठी में कोई पत्र नहीं पढ़ा जायेगा केवल चर्चा होगी। संगोष्ठी का लक्ष्य विवाद नहीं सम्वाद है।<br /> 2. सामान्य श्रेणी का मार्ग व्यय अकादमी द्वारा नियमानुसार दिया जायेगा।<br /> 3. कृपया समय का सम्मान करें।<br /><br />आशुतोष आंगिरस डॉ. रामेश्वर दत्ता डॉ. आर. बी. लांग्यान डॉ. देशबन्धु<br />संयोजक निदेशक निदेशक प्राचार्य<br />संस्कृत विभाग हरियाणा संस्कृत अकादमी, सेन्टर फॉर अम्बेडकर स्टडीज़ सनातन धर्म कॉलेज, <br /> पंचकूला अ.छावनी<br />098963-94569 0172-2570979 094166-38032 098120-53283 <br /><br />विशिष्ट सहयोग : डॉ. विष्णु दत्त, प्राचार्य 098963-56235 डी.के.के. सनातन धर्म आदर्श संस्कृत कॉलेज, अम्बाला छावनीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01389105765607437959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-31664901958530878202010-12-20T22:23:56.831-08:002010-12-20T22:23:56.831-08:00aapka lekh nai dristi va vicharpath deta hai.aapka lekh nai dristi va vicharpath deta hai.Shridhar V. Joshihttps://www.blogger.com/profile/09529272993249731007noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-69072588318930038852009-11-07T07:01:20.281-08:002009-11-07T07:01:20.281-08:00आदरणीय महोदय,
सादर चरण स्पर्श.अत्र कुशलं तत्रास्तु...आदरणीय महोदय,<br />सादर चरण स्पर्श.अत्र कुशलं तत्रास्तु.<br />मुझे आपके आलेख से पाठालोचन संबंधी नयी दृष्टि मिली.एतदर्थ शताधिक धन्यवाद.<br />यदि मुझे आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र जी की संपादन प्रविधि पर कुछ सुझाव दे सकें तो आभारी रहूँगा.maadhavhttps://www.blogger.com/profile/09754609408471908497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-68664725886619060822009-09-30T10:51:43.779-07:002009-09-30T10:51:43.779-07:00बहुत स्तरीय और ज्ञानवर्धक ब्लाग।
यहाँ आकर हमारा ज...बहुत स्तरीय और ज्ञानवर्धक ब्लाग। <br />यहाँ आकर हमारा ज्ञान बढ़ेगा। अनुरोध है कि आलेख को दो या तीन हिस्सों में देंगे तो पढ़ने में सुविधा रहेगी। <br />आभारअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-42868957383877697372009-04-26T22:22:00.000-07:002009-04-26T22:22:00.000-07:00हिन्दी ब्लागजगत में आपका स्वागत है। आपके चिट्ठे क...हिन्दी ब्लागजगत में आपका स्वागत है। आपके चिट्ठे का उद्देश्य पढकर मन को विशेष सुख हुआ। ऐसे सोद्देश्य लेखन से हिन्दी ब्लागिंग की गरिमा बढ़ेगी। <br /><br />इसी के साथ आपसे अनुरोध है कि हिन्दी विकिपेडिया (hi.wikipedia.org) पर और संस्कृत विकिपेडिया (sa.wikipedia.org) पर भी कुछ महत्व के विषयों पर लेख लिखें।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4322342790905225053.post-30411697009581047802009-04-25T18:21:00.000-07:002009-04-25T18:21:00.000-07:00हिन्दी ब्लागरी में आप का स्वागत है।
उत्तररामचरित क...हिन्दी ब्लागरी में आप का स्वागत है।<br />उत्तररामचरित की सुंदर व्याख्या की गई है! <br />सारी गड़बड़ साहित्यिक कृतियों को इतिहास मान लेने पर आरंभ होती है। यही रामकथा के साथ भी हुआ है। <br />अपने ब्लाग से (वर्ड वेरीफिकेशन) शब्द पुष्टिकरण हटाएँ। टिप्पणियाँ करने में परेशानी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com